8368323740 बाली पहलवान
आज नववर्ष के नवरात्रि के अष्टम् दिवस में माँ आदिशक्ति के अष्टम् रूप में विराजित माता महागौरी को नमन वंदन के पश्चात आप समस्त माताओं , बहनों और बंधुओं को भी सादर नमन करते हुए माता के चरणों में समर्पित
एक रचना का प्रयास ।
जय जय जय माता अम्बिके ,
जय जय जय माता भवानी ।
जय जय जय माँ आदिशक्ति ,
जय जय जय माता महारानी ।।
अष्टम् रूप में माँ गौरी है तेरा ,
वर्ण वस्त्र आभूषण वाहन गौर ।
होता भक्तों को सौभाग्य प्राप्ति,
व्याधि पाप से मुक्ति का ठौर ।।
तप कीं माँ शिव को पाने हेतु ,
पूरा शरीर हो गया था काला ।
हुआ गौर वर्ण यह बदन दुबारा,
पवित्र गंगाजल शिव धो डाला ।।
महागौरी करें कल्याण सबका ,
चरणों में तेरे बार बार है वंदन ।
करो स्वीकार आज नमन मेरा ,
आजीवन करूँ तेरा अभिनंदन ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना ।
PHOENIX
09-Apr-2022 11:44 PM
सुसज्ज शब्दो से मा की आराधना के लिये उत्तम सर्जन। कोटि कोटी वंदन आप को 🙏
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Swati chourasia
09-Apr-2022 07:08 PM
वाह बहुत ही सुंदर रचना 🙏
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Gunjan Kamal
09-Apr-2022 06:24 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌
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